

Vaastu dosh Puja in Ujjain कृष्णं वंदे जगद्गुरुम् श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पूजा के लिए 4 मुहूर्त, आइये जानते गुरुजी से कैसे करें व्रत और श्रीकृष्ण पूजन की पूरी विधि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी आज यानी गुरुवार 7 सितंबर को भी मनाई जा रही है। इसके चलते पूजा के लिए दिनभर में 4 शुभ मुहूर्त रहेंगे। आज सूर्योदय के वक्त श्रीकृष्ण का जन्म नक्षत्र और तिथि, दोनों होने के कारण उदया तिथि की परंपरा के मुताबिक मथुरा, वृंदावन, द्वारका, पुरी और ज्यादातर मंदिरों में आज ही जन्माष्टमी मनाई जा रही है। कृष्ण जन्मोत्सव रात में मनाने की परंपरा है, लेकिन कुछ लोग रात में भगवान की पूजा नहीं कर पाते हैं। जिसके चलते दिनभर अष्टमी तिथि के दौरान शुभ मुहूर्त में कृष्ण पूजा कर सकते हैं। इसके लिए विद्वानों ने राहुकाल का ध्यान रखते हुए शुभ लग्न और चौघड़िया मुहूर्त बताए हैं। इस तरह दिनभर में पूजा के लिए कुल 4 शुभ मुहूर्त रहेंगे। सुबह 6:30 से 8 बजे तक शाम 5:30 से रात 9:30 तक सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक जन्मोत्सव मुहूर्त - रात 12:15 से 1 बजे तक श्रीकृष्ण के पसंदीदा आठ फूल और पत्ते फूल: वैजयंती, कमल, मालती, गुलाब, गेंदा, केवड़ा, कनेर और मौलश्री (बकुल) पत्र: तुलसी, बिल्वपत्र, अपामार्ग, भृंगराज, मोरपंख, दूर्वा, कुशा और शमी पूजा विधि 1. सबसे पहले गणेशजी को स्नान करवाएं। वस्त्र अर्पित करें। फल-फूल, चावल आदि चीजें चढ़ाएं। धूप-दीप जलाएं। 2. क्लीं कृष्णाय नम: मंत्र बोलते हुए श्रीकृष्ण की पूजा करें। शुद्ध जल और पंचामृत से अभिषेक करें। 3. भगवान को जनेऊ चढ़ाएं। चंदन, चावल, अबीर और गुलाल चढ़ाएं। नए कपड़े पहनाकर आभूषण से सजाएं। 4. हार-फूल, फल और तुलसी पत्र चढ़ाएं। सूखे मेवे, मिठाई, माखन मिश्री का नैवेद्य -लगाएं और पान चढ़ाएं। 5. धूप-दीप दिखाएं और नारियल पर पैसे रखकर भगवान को दक्षिणा अर्पित करें। भगवान को झूला झूलाएं। 6. चंद्रमा को अर्घ्य दें। बलराम, यशोदा माता और गाय की मूर्ति की इसी तरह पूजा करें। 7. कर्पूर जलाकर आरती करें। इसके बाद परिक्रमा करें। पूजा में हुई अनजानी भूल के लिए क्षमा याचना करें। 8. आखिरी में प्रसाद लें और बांट दें। फिर भजन-कीर्तन करें। अधिक जानकारी के लिए आप गुरुजी से संपर्क कर सकते शास्त्री पंडित अशोक व्यास जी गुरुजी श्री राम कृपा कर्मकांड एवं ज्योतिष केंद्र उज्जैन
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